निस्रीन ताफेश केस: मेडिकल लॉ को 3 वर्षों के क़ैद के फैसले पर प्रभाव
जब हस्ताक्षर की मान्यता एक भविष्य का निर्धारण करती है

अक्टूबर की जुर्माना महकमा अब कलाकार निस्रीन ताफेश के मामले में अपना महत्वपूर्ण निर्णय देने के लिए तैयार है, जोने 4 करोड़ रुपये की बिना खाता की चेक के लिए तीन साल की कैद का आरोप लगाया है। मेडिकल लॉ निस्रीन ताफेश के हस्ताक्षर की मान्यता पर विशेषज्ञ रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जो इस कानूनी नाटक के लिए कुंजीय है।
संदिग्ध चेक
मामला 30 जनवरी 2023 को शुरू हुआ था जब मुख्य अभियोक्ता ने निस्रीन ताफेश को 4 करोड़ रुपये के बिना खाता की चेक की धारा में दोषी ठहराया। कलाकार ने चेक पर अपनी हस्ताक्षर की मान्यता को स्वीकृति नहीं दी, जिससे आरोप की आधारों पर सवाल उठा।
मेडिकल लॉ की आदेश
इस विवाद को सुलझाने के लिए महकमा ने ताफेश से उसकी हस्ताक्षर को लिखने का आदेश दिया। इसके बीच, महकमे ने 25 दिसम्बर को अगली सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया है, जिस दिन मेडिकल लॉ के विशेषज्ञ रिपोर्ट उपलब्ध होगा।
हस्ताक्षर का मुद्दा
ताफेश के हस्ताक्षर की मान्यता इस कानूनी युद्ध के मुख्य हिस्से बन जाती है। यदि विश्लेषण मान्यता को पुनः पुष्टि करता है, तो यह मौखिक न्यायालय की स्थिति को मजबूती प्रदान कर सकता है, जोने कलाकार को तीन साल की कैद और काम के साथ दो वर्गीय मानवता और बीस हजार रुपये का जमानत देने का निर्णय किया था। विपरीत में, यदि हस्ताक्षर सफलतापूर्वक विवादित होता है, तो यह ताफेश के पक्ष में मामले का पथ बदल सकता है।
उत्तराधिकारी और सबूत
पीड़ित की बचाव ने कई तत्व प्रस्तुत किए हैं, जिनमें उसी दिन के बैंक चेक शामिल हैं, जो दिखाते हैं कि ताफेश ने बैंक से पीड़ित को भुगतान करने के लिए आदेश दिया था और कलाकार का हस्ताक्षर। साथ ही, बैंक ने अवसानता के कारण चेक की स्कैन कॉपी को भी सबूत के रूप में प्रदान किया है।
आगामी निष्कर्ष
हालांकि महकमा ने 26 जून 2023 को अपने अनुपस्थिति दिवस के फैसले में ताफेश को तीन साल की कैद में दोषी ठहराया है, कलाकार की आपत्ति बनी रहती है। अंतिम निर्णय बड़े हिस्से में आने वाले मेडिकल लॉ रिपोर्ट और कलाकार के हस्ताक्षर की मान्यता की विश्लेषण पर निर्भर करेगा।